भक्ति व दान के बिना हमारा कल्याण संभव नहीं : भक्ति प्रिया
हिसार, 24 जनवरी : काली माता सेवा समिति के तत्वाधान में मौहल्ला रामपुरा की गली नम्बर 6 में स्थित काली माता मंदिर के 20वें प्राकट्य महोत्सव के उपलक्ष्य में चल रहे सत्संग-कीर्तन के दूसरे दिन वंृदावन से आई बाल व्यास भक्ति प्रिया ने मां भगवती के गुप्त नवरात्रों पर बोलते हुए कहा कि राजा सुरथ बड़े प्रतापी राजा थे। दूसरे राजाओं ने मिलकर उस पर आक्रमण कर दिया। सभी ने मिलकर राजा सुरथ का राजपाठ छीन लिया। राजा हारने के बाद वन में जाकर मेधा ऋषि के आश्रम में रहने लगा। ऋषि ने सुरथ को मां भगवती की अराधना करने को कहा। ऐसा करने से मां भगवती तुम्हें फिर से राजा बना देगी। सुरथ ने ऐसा ही किया। मेधा ऋषि ने कहा कि मां भगवती को प्रसन्न करने के लिये गुप्त नवरात्रों में दुर्गा सप्तसती व दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिये। इससे मां भगवती अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती है। कुछ ही समय में मां भगवती का ऐसा चमत्कार हुआ कि सुरथ को पुन: अपना राजपाठ मिल गया। उन्होंने कहा कि कलियुग में गऊ और ब्राह्मण का पूरा सम्मान करना चाहिये। भक्ति व दान-पुण्य के बिना हमारा कल्याण संभव नहीं। रोहतक से आये भागवताचार्य श्रीराम निरमोही ने भी गुप्त नवरात्रों की महत्ता का विस्तार से वर्णन किया।

मंदिर समिति के प्रधान मदनलाल पकोड़ेवाला ने बताया कि समाजसेवी नवीन गोयल व यदुकुल भूषण शर्मा मुख्यातथि के रुप में उपस्थित हुए। उन्हें मंदिर समिति की ओर से स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। प्राकट्य महोत्सव 26 जनवरी तक सायं 3 बजे से 6 बजे तक चलेगा। अंतिम दिन के कार्यक्रम की समाप्ति पर भंडारा चलाया जाएगा। इस अवसर पर मंदिर के सेवादार दयानंद बंसल, विनोद वर्मा, राजेन्द्र पाहवा, पं. राघवाचार्य, जितेन्द्र सेहरा, रमेश सेहरा, जगदीश मदान, शिव कुमार मित्तल, हिमांशु वधवा, आत्मप्रकाश आहुजा, शांति स्वरुप तनेजा, सुमित मित्तल आदि भी उपस्थित रहे।
1-4. फोटो कैप्शन:- काली माता मंदिर में प्रवचन देते बाल व्यास भक्ति प्रिया व उपस्थित श्रद्धालु।
