हिसार स्थित सिंचाई व नहरी विभाग में एस ई के कार्यालय में चार गांवों नलवा, बालावास, कंवारी, मुजाहदपुर के सैंकड़ों किसान ओ पी जिंदल माइनर में से गांव उमरा व सुल्तानपुर के लिए अलग से रजवाया या खाल ना देने की मांग को लेकर भाखड़ा जल सेवाएं परिमंडल के एसई विमल बिश्नोई से मिले। यह जानकारी देते हुए हलका नलवा के सामाजिक कार्यकर्ता और गांव नलवा के किसान प्रद्युमन जोशीला नलवा ने बताया कि ओ पी जिंदल माइनर का निर्माण गांव नलवा, बालावास, कंवारी गांवों की बीरानी जमीन को सिंचित करने के लिए किया गया था। लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी नलवा गांव की टेल पर पानी नहीं पहुंच पाया। इस क्षेत्र के किसान खून के आंसू रो रहे हैं।

प्रद्युमन जोशीला नलवा ने बताया कि अब उमरा व सुल्तानपुर गांव को एक नया खाल देने की बात कही जा रही है। उन्होंने बताया कि नया खाल बन जाने से नलवा, बालावास, कंवारी की जमीन पूरी तरह से बीरानी हो जाएगी।
हलका नलवा के सामाजिक कार्यकर्ता प्रद्युमन जोशीला नलवा ने बताया कि किसानों ने खाल ना देने की मांग के अलावा कंवारी, बालावास व मुजाहदपुर के खेतों में 600 रूपए घंटे के हिसाब से बरमा लगाकर खेतों तक पानी पंहुचता है। जिससे किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
इसके अलावा किसानों ने बेलदारों व पटवारी द्वारा भी सही काम ना किए जाने की शिकायत भी की।
इस मौके पर किसानों ने पानी की आपूर्ति कम होने को लेकर रोष जताया। एस ई से बात करते हुए गांव नलवा, बालावास, कंवारी, मुजादपुर के किसानों ने कहा कि उनके एरिया में ओपी जिंदल माइनर है, उसमें से सुल्तानपुर व उमरा को अलग से रजावाहा दिया जा रहा है, जिसका इन गांवों के किसानों में रोष है। किसानों ने कहा कि जो हमारा ओपी जिंदल माइनर है, उसके प्रोजेक्ट के अनुसार पहले ही उनके गांवों में पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही और नलवा के आखिरी टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा। इसलिए हमारी अपील है कि ओपी जिंदल माइनर से छेड़छाड़ न की जाए। इस अवसर पर हलका नलवा के सामाजिक कार्यकर्ता प्रद्युमन जोशीला नलवा, सतबीर दुहन नलवा, राजेंद्र दुहन नलवा, राजपाल खीचड़, पूर्व सरपंच लीलूराम, सज्जन पूनियां, बहादुर सिंह, शुशील कौशिक सरपंच नलवा, कमल कौशिक, पूर्व सरपंच दान सिंह, भलेराम, मेवा सिंह बालावास, सुरेन्द्र बुडानिया, भागचंद बुडानिया, राजकुमार बालावास, बीबीसी सदस्य सुभाष बालावास, सुबे सिंह नंबरदार, मनोज ढांडा, कुलबीर दुहन, कुलबीर श्योराण, कर्म सिंह कंवारी, डॉ धर्म सिंह, वजीर श्योराण सहित नलवा, बालावास, कंवारी, मुजाहदपुर गांवों के सैंकड़ों किसान मौजूद रहे।

