पहले हरियाणवी फिल्मों को संघर्ष करना पड़ता था, अब स्टेज की बदौलत हर महीने दो आ रही
हरियाणवी फिल्म ‘भाईचारा’ की रोहतक में हुई स्क्रीनिंग
31 मई रोहतक
हरियाणवी बोली को सम्मान दिलवाने वाली व हरियाणवी कंटेंट की देश की एक मात्र स्टेज एप पर आने वाली फिल्म ‘भाईचारा’ का प्रीमियर मंगलवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में किया गया। मोहित भारती द्वारा निर्देशित इस फिल्म में एमडीयू के जगबीर राठी और रोहतक के ही नवीन ओहलियान ने मुख्य भूमिका निभाई है।
स्क्रीनिंग से पूर्व पत्रकारों से बातचीत के दौरान स्टेज एप के कंटेंट हेड प्रवेश राजपूत ने कहा कि एक समय था जब हरियाणा में फिल्में बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था लेकिन अब हर महीने एक से दो फिल्म स्टेज पर रिलीज़ हो रही है। इस एप के माध्यम से हरियाणा के हज़ारों युवाओं को रोजग़ार मिला है और प्रदेश में एक एंटरटेंमेंट इंडस्ट्री बन रही है। स्टेज आने वाले समय में भी हरियाणा के मुद्दों पर काम करता रहेगा और यहाँ के युवाओं को फिल्म के क्षेत्र में इतना काम उपलब्ध करवाएगा कि उन्हें मुंबई जाने की ज़रूरत नहीं होगी। स्टेज पर हर महीने नई हरियाणवी फिल्म और सीरिज जारी की जा रही हैं।
फिल्म के निर्देशक मोहित भारती के अनुसार इस फिल्म दिखाया गया है कि पंजाब और हरियाणा अलग होने के बाद दो भाइयों की जमीन का बँटवारा हुआ तो एक की ज़मीन पंजाब में आ गई और दूसरे की हरियाणा में। ऐसा हुआ तो एसवाईएल नहर का मुद्दा भी गरमाया और दोनों भाइयों की ज़मीन में से सिर्फ एक के खेत में ही पानी मिलता था दूसरे को नहीं। पहला भाई हरिया दूसरे भाई पंजू को अपने खेत में आ रहे पानी में से पानी देना चाहता है पर गाँव के दूसरे लोग इस पर ऐतराज करते हैं। गाँव के लोग हरिया पंजू के भाईचारे से जलते हैं। गाँव का ही एक आदमी इनकी ज़मीन हड़पना चाहता है और इसके लिए वो इन भाइयों के बीच में फूट डलवा देता है। फिल्म के आखिर में यही दिखाया गया है कि आखिर दोनों भाई का भाईचारा जीतता है या अन्य लोगों की साजिश की जीत होती है।
एमडीयू के जगबीर सिंह राठी व नवीन ओहलियान ने इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभायी है। दोनों ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस फिल्म को बनाने में इसके नाम के जैसा भाईचार देखने को मिला। सोनीपत, रोहतक के पास के गांवों में फिल्म की शूटिंग के वक्त ग्रामीणों ने भी खूब प्यार दिया। उन्होंने कहा कि अब हरियाणा के कलाकारों को स्टेज के कारण हरियाणा में ही काम मिल रहा है। मुम्बई जाकर उन्हें अपना समय खराब करने की जरूरत नहीं है। स्टेज पर काम करके वो अपना टैलेंट पूरी दुनिया को दिखा पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जर, जोरू और जमीन की लड़ाई किस तरह से आपस में बैठ कर सुलझाई जा सकती है यह इस फिल्म में बखूबी दिखाया गया है।
